मग़रूरी बे-बुनियाद है
◦•●◉✿ मग़रूरी बे-बुनियाद है ✿◉●•◦ अमूमन दो चीज़ें पर मै लोगों से, ख़ासकर अपने अज़ीज़ों से बहस नहीं करता : पॉलिटिक्स और धर्म। दोनों ही विवाद पैदा करती है, दोस्ती को दुश्मनी में तब्दील कर देती है। लेकिन कई दफ़ा हालात मजबूर कर देते है कि मैं हकीकत से रूबरू करवाऊं। कल अचानक मेरी मुलाकात एक जानकार, जो एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी है, से मुद्दत बाद हुई। बातचीत के दौरान उन्होंने शेखी बघारी, "शर्मा जी, मेरी समझ में नहीं आता कि लोग अपना कीमती समय पूजा-पाठ करने में क्यों बरबाद करते हैं। मैं ईश्वर में विश्वास नहीं करता, न ही मैंने कभी किसी पूजा-पाठ स्थल पर जाकर इबादत की है। फिर भी मेरे पास ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए जरूरी हर चीज़ मौजूद है। मैंने ये सब अपनी कोशिशो से हासिल किया है। मैं "सेल्फ मेड मैन" हूँ।" उन्होंने अपने सीने को फुला कर कहा मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने फिर वही मुद्दा छेड़ दिया, "शर्मा जी, सर्वोच्च शक्ति नाम की कोई चीज़ नहीं होती। यह मूर्खों की जमात द्वारा बनाया गया वहम है। क्या आप तथाकथ...