नई उम्मीद
जब धूप यक़ीनी है तो साया भी बेशक़ होगा इसने भी इत्तिला नहीं दी वो भी यकायक होगा। बस उसके मंसूबों की तामील हो रही है जो तूने नहीं सोचा वो भी बेशक़ होगा। ऐ दोस्त मेरे कब तक खुद को बचा पाओगे तुम को भी प्यार होगा वो भी अचानक होगा। इत्तिला : सूचना यकायक : एकाएक मंसूबा : योजना तामील : पूरा करना ~ संजय गार्गीश ~