भक्ति क्या है
भक्ति क्या है? क्या मंदिरों, इबादतगाहों, कलीसों में जाना भक्ति है? क्या व्रत या रोज़े रखना भक्ति है? आज रामनवमी है यानि भगवान राम जी का प्रकट दिवस। आइए जानते हैं कि इस मुद्दे पर भगवान राम जी की क्या कहते हैं। श्री रामचरितमानस जी में लक्ष्मण जी ने राम जी से कई सवाल पूछे। उन सभी सवालों के तस्सली-बख्श जवाब दिए गए। उनमें से एक सवाल था "भक्ति क्या है?" श्री राम चंद्र जी ने कहा, "कोई भी ऐसा कार्य जिस से मेरा दिल पिघल जाए, वही भक्ति है।" रावण के चुंगल से माता सीता जी को बचाने के लिए जटायु ने निस्वार्थ भाव से मदद की और अपनी जान तक न्यौछावर कर दी। जटायु का यह बलिदान राम जी के दिल को छू गया। उन्होंने जटायु को दर्शन दिए और खुद जटायु का अंतिम संस्कार किया। मंदिरों, इबादतगाहों या कलीसों में जाना, व्रत या रोज़े रखना, ये सब महज़ ज़रिए हैं मंज़िल नही! अफ़सोस कि ज़्यादातर लोग पड़ाव को ही मंज़िल समझ बैठे है! इन सब रस्मों का सिर्फ एक ही मक़्सद है - मन निर्मल हो। हमारा ज़हन जब पाक होगा तब ही हम परमात्मा की मौजूदगी का ...