शाम होने को है... (Evening Is About To Set)
शाम होने को है... (The Evening Is About To Set) (1) यह चमकता, दहकता सूरज भी आखिर थक जाएगा शाम होने को है, समन्दर इसे निगल जाएगा (2) ना इतरा अपनी शौहरत, हुकुमत, जवानी पे, ऐ नादॉ शाम होने को है, तू देख लेना यह मुकम्मल मंज़र बदल जाएगा (3) मेरी इक तरफ़ा मुहब्बत को अपने तबस्सुम से मंजूरी दे दो शाम होने को है, इस अँधेरे दिल में भी कोई दीया जल जाएगा (4) अभी जी भर के कर ले होश की बातें, ऐ वाइज़ शाम होने को है, नकाब-ए-साकी गुल-ए-रुख्सार से उठ जाएगा (5) यूं तो इस शहर में बहुत सी है ऱौनकें लेकिन शाम होने को है, हर-सू मेरे सनम, सिर्फ तू ही नज़र आएगा (6) अब तो उड़ चले हैं परिंदे भी अपने नशेमनों की ओर शाम होने को है, मेरे बेघर हम-राही, अब तू किधर जाएगा (7) दौर-ए-ज़ाम, कुछ फंकार, घुघरुअों की झंकार शाम होने को है, शायद गमों का कारवां ठहर जाएगा With regard to the above composition of mine, many friends, relatives who do not know Hindi/Urdu have requested me to translate it into English...